Jio 5G फोन हुआ लिस्ट, इसमें है 1GB रैम, ‘Made in india’ 5जी फोन मचाएगा तहलका
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Abhinandan sanjay Singh
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September 30, 2020
Reliance Jio द्वारा एंडरॉयड 5G फोन को पेश किए जाने की घोषणा के बाद से यूजर्स को बेसब्री से इस फोन का इंतजार है। यूजर्स ही नहीं बल्कि अन्य मोबाइल ब्रांड्स भी जियो की प्लानिंग पर नज़र बनाए हुए हैं। हालांकि, Google के साथ मिलकर 5जी फोन लाने वाली रिलायंस जियो ने ऑफिशियल तौर पर हैंडसेट के बारे में अभी तक कोई जानकारी साझा नहीं की है। लेकिन, कुछ समय पहले एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि रिलांयस इस साल दिसंबर में नए जियो स्मार्टफोन को लॉन्च कर सकती है। वहीं, रिलायंस का मॉडल नंबर RC545L वाला फोन गूगल प्ले कंसोल पर स्पॉट किया गया है।
Orbic स्मार्टफोन सीरीज
लिस्टिंग में सामने आया फोन रिलायंस ऑर्बिक स्मार्टफोन सीरीज के तहत पेश किया जा सकता है, जिससे उम्मीद लगाई जा रही है कि कंपनी एक बार फिर से Orbic स्मार्टफोन सीरीज को वापस लाने की तैयारी में है। पिछले कुछ दिनों में कई ऑर्बिक स्मार्टफोन्स को सर्टिफिकेशन्स भी मिले हैं। इस लिस्टिंग को टिप्स्टर मुकुल शर्मा ने स्पॉट किया है।
डिजाइन और डिसप्ले
गूगल प्ले कंसोल पर फोन का फ्रंट लुक भी दिखाया गया है। इस तस्वीर के अनुसार फोन में टॉप और बॉटम में मोटे बेजल्स होंगे। हालांकि, फोन के रियर का लुक फिलहाल सामने नहीं आया है। इसके अलावा लिस्टिंग के अनुसार डिवाइस 18:9 के आस्पेक्ट रेशियो के साथ एचडी+ डिसप्ले से लैस होगा। इसे भी पढ़ें: अब हवाई जहाज में 30 हजार फुट की ऊंचाई पर भी होगी Jio सिम से बातें, जानें कैसे
क्वालकॉम स्नैपड्रैगन प्रोसेसर
लिस्टिंग के अनुसार यह फोन क्वालकॉम स्नैपड्रैगन QM215 मोबाइल प्लेटफॉर्म से लैस होगा इसके अलावा डिवाइस आउट-ऑफ-द बॉक्स ऐंड्रॉयड 10 (गो एडिशन) वाला हो सकता है। वहीं, यह फोन एड्रीनो 306 जीपीयू से लैस होगा।
1GB रैम
हालांकि, गूगल प्ले कंसोल की लिस्टिंग में इस फोन के रैम के बारे में कोई जानकारी नहीं आई है। लेकिन, माना जा रहा है कि यह एंट्री लेवल का सस्ता स्मार्टफोन होगा तो इसलिए इसमें 1जीबी की रैम होगी।
कीमत
कीमत की बात करें तो हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें बताया गया था कि यह फोन एक एंट्री लेवल हैंडसेट होगा। इस फोन की कीमत 54 डॉलर यानी करीब 4000 रुपए के आसपास होगी।
डाटा पैक के साथ आ सकता है जियो 5G स्मार्टफोन
दरअसल, बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की टेलिकॉम इकाई Jio कम लागत वाले 10 करोड़ स्मार्टफोन का निर्माण करने वाली है जो कि गूगल के एंडरॉयड प्लेटफॉर्म पर आधारित होगा। बुधवार को अखबार ने बताया कि फोन को डाटा पैक के साथ इस साल दिसंबर या अगले साल की शुरुआत में लॉन्च किया जा सकता है। इसे भी पढ़ें: सिर्फ 4,000 रुपये में लॉन्च होगा Jio Android SmartPhone, अंबानी ने की चाइनीज ब्रांड्स को धोने की तैयारी
JioPhone 5 की भी तैयारी
91मोबाइल्स को हाल ही में एक्सक्लूसिव जानकारी मिली थी कि कंपनी अपने सस्ते फीचर फोन पर काम कर रही है और इस प्रोजेक्ट का नाम JioPhone 5 है। JioPhone 5 की जानकारी हमें इंडस्ट्री के ऐसे सोर्स से मिली थी जो इस प्रोजेक्ट से जुड़े हुए हैं। नाम न छापने की शर्त पर सूत्र ने हमें बताया है कि रिलायंस जियो एक बेहद ही कम कीमत वाले मोबाइल फोन को बाजार में लाने की तैयारी कर रही है और इस सस्ते फीचर फोन के प्रोजेक्ट का नाम Jio Phone 5 है। यह प्रोजेक्ट अभी डेवलेमेंट स्टेज पर है और इसे लॉन्च होने तथा मार्केट में सेल के लिए उपलब्ध होने में अभी थोड़ा और वक्त लगेगा।
Potentiometer: Definition, Types, And Working Principle
What is a Potentiometer?
A potentiometer (also known as a pot or potmeter) is defined as a 3 terminal variable resistor in which the resistance is manually varied to control the flow of electric current. A potentiometer acts as an adjustable voltage divider.
How Does a Potentiometer Work?
A potentiometer is a passive electronic component. Potentiometers work by varying the position of a sliding contact across a uniform resistance. In a potentiometer, the entire input voltage is applied across the whole length of the resistor, and the output voltage is the voltage drop between the fixed and sliding contact as shown below.
A potentiometer has the two terminals of the input source fixed to the end of the resistor. To adjust the output voltage the sliding contact gets moved along the resistor on the output side.
This is different to a rheostat, where here one end is fixed and the sliding terminal is connected to the circuit, as shown below.
This is a very basic instrument used for comparing the emf of two cells and for calibrating ammeter, voltmeter, and watt-meter. The basic working principle of a potentiometer is quite simple. Suppose we have connected two batteries in parallel through a galvanometer. The negative battery terminals are connected together and positive battery terminals are also connected together through a galvanometer as shown in the figure below.
Here, if the electric potential of both battery cells is exactly the same, there is no circulating current in the circuit and hence the galvanometer shows null deflection. The working principle of potentiometer depends upon this phenomenon.
The twinkling of stars is also due to atmospheric refraction.
The air in the earth's atmosphere is such that it has increasing refractive index
When starlight enters earth's atmosphere it undergoes multiple refraction continuously before it reaches the earth.
Because of the increasing refractive index, the starlight bends downwards (ie towards the normal) and thereby the apparent position of the star is slightly higher than its actual position.
Also, this apparent position of the star is not fixed. It keeps on changing slightly since the atmospheric conditions of the earth keep varying
But however the stars are so distant that they appear fixed to the naked eye
Early sunset and Delayed sunrise
Atmospheric Refraction is the same reason that the sun is seen about 2 minutes before actual sunrise and is seen for about 2 minutes after sunset.
The actual position of the sun is slightly shifted from the actual position of the sun.
Tyndall Effect
The earth's atmosphere is a mixture of many minute particles such as smoke, water droplets, dust etc. When a beam of light strikes these fine particles, the path taken by that beam becomes visible. Light gets reflected continuously by these particles and then reaches us.
This phenomenon of scattering of light by particles is the Tyndall effect.
Tyndall effects explain why we see the sky as blue, forests as green and so on.
Why does the Sky appear clear blue?
The air molecules and other fine particles have sizes smaller than the wavelength of visible light.
Such particles scatter light of shorter wavelengths ie blue more effectively than longer wavelengths( red)
When sunlight passes through the atmosphere, the blue end of the spectrum is scattered more.
This enters our eyes and hence we see the sky as blue